मुझे प्यार करते हो करते रहो तुम
मगर दिल लगाने की कोशिश न करना
कि खुशबू हूँ मै मुझको महसूस करना
मगर मुझको पाने की कोशिश न करना
जो हंस लूं तो क्या है, जो रो लूँ तो क्या है
ये हंसना भी फानी, वो रोना भी फानी
कि कुछ भी नहीं सालता मेरे दिल को
ये पत्थर गलाने की कोशिश न करना
सुना है कि प्यार मरता नहीं है
जो मरता नहीं है तो जाता कहाँ है
यहाँ है, वहा है तो सचमुच कहाँ है
मुझे ये बताने की कोशिश न करना
-दीप्ति मिश्र
गजब कि पंक्तियाँ हैं ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.... अंतिम पंक्तियों ने मन मोह लिया...
bhot achi hai...
जवाब देंहटाएंsuper