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शनिवार, 24 जुलाई 2010

काश! वह रोज़े हश्र भी आए....


 तू मेरे हमराह खडा हो
सारी दुनिया पत्थर लेकर 
जब मुझको संगसार करे
तू अपनी बांहों में छुपाकर
तब भी मुझ से प्यार करे...!!!!! 

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