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शनिवार, 16 अक्तूबर 2010

खुशी

खुशी मासूम सी, बच्चों की कॉपी में इबारत सी
हिरन की पीठ पर बैठे परिंदे की शरारत सी

                                        


गुरुवार, 7 अक्तूबर 2010

वह गुराँस का फूल

प्रिये!!
निस्संदेह
 तुम सब भूल गए हो
दुष्यंत की तरह
प्रेम का एक क्षण भी
तुम्हे याद नहीं
पर क्या भूल गए
वह गुराँस का फूल
जो तुमने लगाया था
अंतिम बार
मेरे जूडे में