प्रीत करना तो हम से निभाना सजन
हमने पहले ही दिन था कहा न सजन
अब जो होने के किस्से सभी हो चुके
तुम हमें खो चुके हम तुम्हे खो चुके
आगे दिल की न बातों में आना सजन
के ये दिल है सदा का दीवाना सजन
ये भी सच है न कुछ बात जी की नई
सूनी रातों में देखा किए चांदनी
पर ये सोदा है हमको पुराना सजन
और जीने का अपने बहाना सजन
एक मुद्दत हुई सब्र करते हुए
और कूए वफ़ा से गुज़रते हुए
पूछकर इस गदा का ठिकाना सजन
अपने इंशा को भी देख आना सजन
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ibne inshaa............badhiyaa hai....
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