तुम कहते हो वह अतीत था
उसे भुला दो
बोलो भूल जाऊं वह मीठा लम्हा
जब कि तुमने मुझे पहली बार छुआ था
भूल जाऊं वह मासूम सा वक्त कि जब तुमने मुझे
ठिठोली कर जतलाया था कि
तुम मुझे चाहते हो
भूल जाऊं वह क्षण
जब कि तुम पहली बार जले थे
किसी और ने मेरी तारीफ़ की थी तो
भूल जाऊं वह बेखुद लम्हे
जब कि तुम बेखुद बेसुध से
मुझे जकड जडवत रह गए थे
पूरे साड़े आठ मिनट
मेने रोते हुए कहा था
तुम्हारे बाद नहीं छूँगी किसीको
क्या तुम्हे कुछ भी याद नहीं
कुछ भी नहीं
और जब नहीं ही याद
तो आकर लेजाओ वो नन्ही गुडिया
जो तुमने मुझे मेले से लेकर दी थी
चाबी का वह छल्ला
जिसमे मेरे नाम का पहला अक्षर
गूंथ लाए थे तुम
और जिसे लेकर सिसक पडी थी मै
आकर फिर से छीन लो
वही शंख जिसे तुम्हारे कमरे से जाते वक्त
ऐसे सहेज लाई थी
जैसे मंदिर से लौटते वक्त वेदी का कोईं फूल
धो दो उस रूमाल को
जिससे तुमने एक बार मुह पोंछा था
और मैने उसे
उसके बाद कभी नहीं धोया
अगर तुम सचमच भूल चुके हो तो प्रियतम
प्रार्थना करो कि अब जीवन मुझे मुक्ति देदे
क्योंकि देह के साथ ही
तुम्हारा प्रेम मिटेगा
प्रेम में ईश्वर है
यह एहसास मिटेगा
-ख़ुशी
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wonderfulllllllllllll
जवाब देंहटाएंvery nice...a
जवाब देंहटाएंinteresting
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