जज़्बात पर आपकी टिप्पणी का तहेदिल से शुक्रिया .............जहाँ तक बात मज़हब की है तो किसी शायर का इरादा उससे अलग हटने का नहीं ये सिर्फ भाव है यहाँ काबा तेरे कूचे में से मतलब है की अपना सब कुछ जो सबसे ऊंचा है वो तेरे ही रास्तो से होकर गुज़रता है, शायरी में लफ्जों की नहीं भावो की अहमियत होती है फिर भी अगर कुछ गलत लगा हो तो माफ़ी चाहता हूँ .......आइन्दा ख्याल रखूँगा |
वाह....वाह........क्या खूब शेर अर्ज़ किये है आपने "ईद" के मुबारक मौके पर ..........आपको और आपके चाहने वालों को "ईद मुबारक"
जवाब देंहटाएंजज़्बात .... पर नई पोस्ट ज़रूर पढ़े |
Ed Mubarak
जवाब देंहटाएंईद आई तुम न आए, क्या मज़ा फिर ईद का
जवाब देंहटाएंye line hame bhot achi lagi hai aapki....
very nice khushi ji
ख़ुशी जी,
जवाब देंहटाएंजज़्बात पर आपकी टिप्पणी का तहेदिल से शुक्रिया .............जहाँ तक बात मज़हब की है तो किसी शायर का इरादा उससे अलग हटने का नहीं ये सिर्फ भाव है यहाँ काबा तेरे कूचे में से मतलब है की अपना सब कुछ जो सबसे ऊंचा है वो तेरे ही रास्तो से होकर गुज़रता है, शायरी में लफ्जों की नहीं भावो की अहमियत होती है फिर भी अगर कुछ गलत लगा हो तो माफ़ी चाहता हूँ .......आइन्दा ख्याल रखूँगा |
ईद आई तुम न आए, क्या मज़ा फिर ईद का
जवाब देंहटाएंbahut hee khoobsurat line...dil ko chhoo gayi..badhayi