तो सब कुछ नया है
रंग भी हैं
फूल भी ओंर खुशबू भी
ज़र्रे ज़र्रे पे नशा है
नई रौनक है
हर एक शय पे आखिर ईद का हक है
चाँद शादा है,ज़मी खुश है
चमन है रौशन
ईद से खुश हैं सब
ये बस मुझको ही तंग करती है
तुम ही सोचो मेरी जान!!
खंडहरों में भी कही ईद मना करती है
Id Mubarak ho
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.............और खुदा न करे की कभी आप पर खंडहरों वाले हालात आयें .......खुदा महफूज़ रखे हर बला से..........ईद मुबारक |
जवाब देंहटाएंईद से खुश हैं सब
जवाब देंहटाएंये बस मुझको ही तंग करती है
तुम ही सोचो मेरी जान!!
खंडहरों में भी कही ईद मना करती है
mind blowing!!! awesome!!! ग़ज़ब की पंक्तियाँ हैं
बहुत पसन्द आया
जवाब देंहटाएंहमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया .......माफी चाहता हूँ..
bhot achi hai, thodi comment kar rhe hai so..plz sry aap bhot acha likhte ho.. very good
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