कुल पेज दृश्य

पृष्ठ

फ़ॉलोअर

Powered By Blogger

रविवार, 30 जनवरी 2011

तुम और मै

 मै कहूं यदि तो
क्या तुम रुक जाओगे?
पीछे पीछे आई तो 
क्या मेरी ओर झुक जाओगे? 
नहीं नहीं,
तो फिर तुम लौट जाओ
मेरे निकट मत आओ!
मेरे हाथों में 
प्रार्थना, फूल पूजा रहने दो, 
मेरी पीड़ा को 
स्वयं मुझे ही सहने दो !  

4 टिप्‍पणियां:

  1. सूक्ष्म पर बेहद प्रभावशाली कविता...सुंदर अभिव्यक्ति..प्रस्तुति के लिए आभार जी

    जवाब देंहटाएं
  2. ख़ुशी जी,

    बहुत दिनों बाद आपकी पोस्ट पढ़ने को मिली......बहुत ही खूबसूरत......

    जवाब देंहटाएं