जब मधुश्रुत कीपागल बयार छाएगीसूनी रजनीदुल्हिन सी शर्माएगीतब सुबहसेज के सुमनों को छू लेनाउनमे तुमको मेरी सुगंध आएगीसुन्दर अतिसुन्दर। पुरे एक महीने के बाद कुछ नज़र आया आपके ब्लाग पर। चलिए वापसी मुबारक हो। अब लेखनी का साथ नही छोड़िएगा।
ख़ुशी,बहुत खुबसूरत अल्फाज़ हैं....सुभानाल्लाह बहुत दिनों बाद पोस्ट डाली है.....
सुंदर रचना
wow, aisi line no ko pad kar man me ek ajib si lahar chalne lagti hai..
bahut sundar prastuti... likhte rahiye...Haardik shubhkaamnayne
जब मधुश्रुत की
जवाब देंहटाएंपागल बयार छाएगी
सूनी रजनी
दुल्हिन सी शर्माएगी
तब सुबह
सेज के सुमनों को छू लेना
उनमे तुमको
मेरी सुगंध आएगी
सुन्दर अतिसुन्दर। पुरे एक महीने के बाद कुछ नज़र आया आपके ब्लाग पर। चलिए वापसी मुबारक हो। अब लेखनी का साथ नही छोड़िएगा।
ख़ुशी,
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत अल्फाज़ हैं....सुभानाल्लाह
बहुत दिनों बाद पोस्ट डाली है.....
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जवाब देंहटाएंwow, aisi line no ko pad kar man me ek ajib si lahar chalne lagti hai..
जवाब देंहटाएंbahut sundar prastuti... likhte rahiye...
जवाब देंहटाएंHaardik shubhkaamnayne